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Photosynthesis Kya Hota Hai

Photosynthesis Kya Hota Hai,Photosynthesis process in hindi
Photosynthesis in hindi

Photosynthesis in Hindi

जैसे की हम सभी जानते हे की सभी जीवित प्राणियों को जीने के लिए भोजन की आवश्यकता पड़ती हे । जैसे मनुष्य को जीवित रहने क लिए भोजन (Food) ग्रहण पड़ता हे फिर चाहे वो चावल हो ,रोटी हो ,या फिर जल , दूध, मॉस इतिआदी , सभी जीवित प्राणी भोजन के लिए दूसरे श्रोत पे निर्भर रहते हे जैसे सब्जियों और फलो के लिए हम पेड़ो पर निर्भर हे और मास के लिए जानवरों पे परन्तु केवल एक पेड़ (tree) ,पोधे (Plant) ही अकेले ऐसे जीव हे जो अपना भोजन (Food) स्वयं बनाते हे । जो जीव अपना भोजन स्वय नहीं बनाते उसे (Heterotropic) परपोषी जीव कहते है, जैसे सभी पशु-पक्षी और जो जीव अपना भोजन स्वय बना पाते है उसे (Autotrophic) स्वपोषी जीव  कहते है, जैसे पेड़-पोधे । यह पेड़ पोधे अपनी एक तरह की प्रक्रिया से जिसको हम प्रकाश सश्लेशन कहते है की जरिये ही अपना भोजन बना पते है ।

प्रकाश सश्लेषण क्या होता है ?


Photosynthesis शब्द सबसे पहले Charles Reid Barnes ने 1893 में उजागर किया था ,इस शब्द में 'Photo' मतलब  रोशनी (LIght) होता हे जबकि 'Synthesis' से अभिप्राय  इक्कठा करना (Putting together) है 
''प्रकाश सश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे पेड़ (Tree) और पोधे (Plant) अपना भोजन स्वयं बनाते है जिसमे वे सूर्ये की रौशनी (Sunlight) ,कार्बन डाइऑक्साइड (CO),खनिज पदार्थ और जल का इस्तेमाल करके रक्त शर्करा (Glucose) और ऑक्सीजन (Oxygen) बनाते है '' 
इस प्रक्रिया में प्रकाश उर्जा (light energy)को  रसायनिक उर्जा (chemical energy) में बदला जाता  है ,इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन एक उपफल (by-product) होता है जो पेड़ो के कोई काम का नहीं होता ,इसलिए पेड़ इस ऑक्सीजन को बाहर वातावरण में छोङ देते है ,परन्तु हमारे लिए यही ऑक्सीजन अमृत से कम नहीं क्युकी इससे ही हम साँस लेते है । तो फिर पेड़ और पोधे हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं 

प्रकाश सश्लेषण की प्रतिक्रिया (Reaction)=


परिवहन परिक्रिया (Tranportation)


पेड़ और पोधो के पत्तो में अति सूक्ष्म छिद्र होते है जिसे हम (Stomata) कहते है , इनकी सख्या पत्तो की उपरी परत की उपेक्षा निचली तरफ ज्यादा होती हैइसी (Stomata) सूक्ष्म छिद्रो के द्वारा CO पोधे के भीतर परवेश करती है तथा Oxygen बाहर निकल जाती है, इसके साथ साथ जब पेड़ पोधो में पानी की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसी सूक्ष्म छिद्रो से ही पानी का प्रस्वेदन (Transpiration) हो जाता है ,तथा जड़ो से पोषक तत्व जैसे की फॉस्फोरस , नाइट्रोजन, आयरन ,कॉपर ,मैग्नीशियम इतिअदि ऊपर पत्तो तक पहुचाए जाते है। पोधो में मृत कोशिकाए कम होती है इसीलिए इनको ज्यादा उर्जा की जरुरत नहीं होती और इसी बजह से इनमे  परिवहन परिक्रिया (Tranportation) धीमी होती है ,पोधो में दो तरह की नलिया होती है, एक जिसको (xylem)दारू कहते है ,जो की पानी और खनिज पदार्थो को मिटटी से जड़ो द्वारा ऊपर की ओर ले जाते है ,तथा दूसरा (Phloem) पोषवाह है ,जो पत्तो में बने सश्लेषित भोजन को पेड़ के प्रत्येक हिस्से तक पहुचाते है 
जिस प्रकार पशुओं में रक्त परिवहन का साधन है उसी प्रकार पोधो में परिवहन का साधन पानी होता है ,
जिस दबाब से जाइलेम नलिया पानी को जड़ो से ऊपर की ओर खीचती है उस दबाब को जड़ दबाब (Root Pressure) कहते है 

पेड़ पौधे हरे क्यों होते है?




पेड़ो के पत्तो के अंदर बहुत सूक्ष्म कक्ष (cell) होते हे जिसके बीच में नन्ही संरचना (Stucture) जिसको कलोरोप्लास्ट(Chloroplast) कहते है, इसी Chloroplast के भीतर हरा द्रव्य होता हे जिसको हम कलोरोफ्य्ल्ल (Chlorophyll) कहते हे जिससे पत्तो को उसका हरा रंग भी मिलता हे यही ''Chlorophyll सूर्य की रौशनी को सोख लेते हे तथा साथ में जल के मॉलिक्यूल (HO) ,कार्बन डाइऑक्साइड (CO) और साथ में अन्य पोषक तत्व जो इसको मिटटी से मिल जाते है, को मिश्रित करके प्रकाश सस्लेषण की प्रक्रिया से भोजन(Glucose) में परिवर्तित कर देते है '' ,यही ग्लूकोस पेड़ और पोधे अपनी उर्जा के लिए (Sucrose) शर्करा के रूप में इस्तेमाल करते है और जो अतिरिक्त भोजन बच जाता है उसको वे बाद में स्टार्च (starch) में बदल के आगामी समय में इस्तेमाल के लिए फूलो ,फलो ,टहनियों  और जङो में सच्चये (Store) कर लेते है 

ख़ास पोधे (Exceptional plants)


कुछ ऐसे पोधे भी होते है जैसे की नागफनी (cactus) जिसमे प्रकाश सश्लेषण पत्तो के अलावा डंठल (Stem) और हरी शाखाओ (Branches) में भी होता है इन पोधो में पत्ते संशोधित (Modified) होकर काँटों में बदल जाते है ताकि पानी का वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) कम हो सके साथ में इसकी डंठल बहुत ही घनी  और थुलथुली (Fleshy) होती जिसमे पानी इक्कठा रहता है 

जयपाल (Croton), एक तरह का पोधा है जिसमे लाल या पीले रंग के पत्ते होते है ,इन पोधो में Chloroplast की बजाय Chromoplast होता है जो की Carotene की मदद से इस पोधे की पत्तियों को लाल या पीला रंग प्रधान करता है इन पोधो में कम मात्रा में Chloroplast होता है जिससे ये पोधा अपना भोजन बना लेते है 

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