Solar System |
हमारे सौर मंडल के बारे में पूरी जानकारी
हमारा Solar System (सौर मंडल) आठ ग्रहों ,और उनके उपग्रहों (satellites), Asteroids ,और Meteroite (उल्का पिंडो) से मिलके बना है जिसके मध्य में सूर्य है और यह सभी गृह ,उपग्रह और उल्का पिंड सूर्य के इर्द गिर्द घुमए रहते है , यह सौर मंडल हमारे विशालकाय universe (ब्रह्माण्ड) में अति सूक्ष्म बिंदु (Point) के समान है। हमारे ब्रह्माण्ड में अनगिनत आकाशगंगाए (Galaxies) है और उसी अनगिनत galaxies में से एक है हमारी galaxy जिसको हम आकाशगंगा (Milkyway) कहते है। हमारे सौर मंडल में पहले नों गृह थे लेकिन 2006 के बाद Pluto को dwarf गृह करार दे कर उसे Planet की श्रेणी से अलग कर दिया गया ,और क्युकी यह गृह काफी छोटा था ,दूर था और इसी के साथ साथ इसका परिक्रमा कक्ष बाकि सभी ग्रहों से भी काफी अलग था ,तो इसलिए अब सिर्फ आठ ही गृह हमारे सौर मंडल में गिने जाते है ,चुकी Pluto अब सिर्फ एक Dwarf गृह है परन्तु इसके बावजूद भी यह गृह हमारे सौर मंडल का अहम् हिस्सा है .अगर हम asteroids की बात करे तो यह काफी अधिक तरह के छोटे छोटे पत्थर और चट्टानें होती है जो की हमारे सौर मंडल के दो गृह (Mars और Jupiter) के बीच में घूमते रहते है । विज्ञानिको का मानना है की यह asteroids कभी हमारे सौर मंडल का हिस्सा रहे होंगे ,सबसे बड़े Asteroid का नाम Ceres है ।
हमारे ही सौर मंडल में एक और नए गृह का पता चला है ,जिसका नाम 2003 UB 313 है जो की 21 अक्टूबर 2003 को खोजा गया था,यह Pluto से बड़ा है परन्तु काफी दूर है ।
सूर्य (Sun)
सूर्य हमारे सोर मंडल का सबसे मुख्य खगोलय तारा है और इसके ही वजह से हर गृह को रौशनी मिल पाती है, यह धधकता हुआ तारा है, और यह हर समय असीमित ऊर्जा, रौशनी और गर्मी निकालता रहता है, हमारे सोर मंडल के सारे गृह इसी के चक्कर काटते रहते है, क्युकी इसका गुरुत्वाकर्षण सबसे ज्यादा है और सोर मंडल का 99 % द्रव्यमान इसी से बनता है, इसका व्यास पृथ्वी के 109 गुना के बराबर है ,यानि की सूर्य में दस लाख पृथ्वी समां सकती है ।
सूर्य लगभग 46000 लाख साल पहले जन्मा था और अभी यह युवा अवस्था में है, यानि की यह अगले 500 करोड़ साल तक ऐसे ही हमें रौशनी और गर्मी देता रहेगा
सूरज से बढ़ती दूरी के क्रम में आठ गृह ; बुध(Mercury), शुक्र (Venus), पृथ्वी (Earth), मंगल (Mars), वृहस्पति (Jupiter), शनि (Saturn), अरुण (Uranus), वरुण (Neptune)
हमारे सोर मंडल के सभी ग्रहो को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है जैसे की
आंतरिक गृह (Terrestrial planets or inner planets) = इन सभी ग्रहो का घनत्व काफी ज्यादा है और यह सभी मुख्य तोर पर चट्टानों से बने है सोर मंडल के पहले चार गृह इसी श्रेणी के है जैसे; बुध(Mercury),शुक्र (Venus),पृथ्वी (Earth),मंगल (Mars)
बाहरी गृह (Jovian planets) = यह सभी गृह मुख्य तोर पर हाइड्रोजन ,हीलियम से बने है और इन सबका घनत्व बहुत कम है इस श्रेणी में सौरमंडल के अंत के चार गृह है जैसे ; वृहस्पति (Jupiter), शनि (Saturn), अरुण (Uranus), वरुण (Neptune)
आंतरिक गृह (Terrestrial planets or inner planets) = इन सभी ग्रहो का घनत्व काफी ज्यादा है और यह सभी मुख्य तोर पर चट्टानों से बने है सोर मंडल के पहले चार गृह इसी श्रेणी के है जैसे; बुध(Mercury),शुक्र (Venus),पृथ्वी (Earth),मंगल (Mars)
बाहरी गृह (Jovian planets) = यह सभी गृह मुख्य तोर पर हाइड्रोजन ,हीलियम से बने है और इन सबका घनत्व बहुत कम है इस श्रेणी में सौरमंडल के अंत के चार गृह है जैसे ; वृहस्पति (Jupiter), शनि (Saturn), अरुण (Uranus), वरुण (Neptune)
बुध (Mercury)
यह हमारे सौर मंडल का पहला गृह है और सूर्य के सबसे ज्यादा नजदीक है ।यह ही एक ऐसा गृह है जो सबसे तेज़ गति से घूमता है ,परन्तु इसका कोई भी उपग्रह नहीं है, इसके वातावरण में सिर्फ सोडियम, पोटैशियम, हीलियम और हाइड्रोजन गैसें है । बुध गृह पर जीवन की होने की सम्भावना न के बराबर है । इसके सतह पर दिन का तापमान 430°C होता है और रात में यह गिरकर - 170°C पर पहुंच जाता है ।
परिक्रमण(Revolution)=88 दिन
गुर्घन (Rotation)=58.65 दिन
व्यास (Diameter)=4849.6 Km
सूर्य से दूरी =5700000 Km
शुक्र (Venus)
यह हमारे सोर मंडल का दूसरा गृह है। यह सुर्य और चाँद के बाद तीसरा सबसे तेज़ चमकने वाला खगोलीय पिंड है, बुध गृह हमारे सोर मंडल का सबसे गरम गृह भी है तथा इसका अत्यधिक तापमान 460-700°C है ।इसका नाम रोम के सुंदरता के देवता के नाम पर रखा गया है । बुध गृह का कोई भी उपग्रह नहीं है और यह पृथ्वी की विपरीत दिशा में गुर्घन करता है यानि की पूर्व से पश्चिम । सुबह और शाम के समय यह पृथ्वी से काफी चमकता हुआ दिखाई देता है, इसलिए इसको सुबह का तारा (Morning star) और शाम का तारा (Evening star) भी कहते है , इसपर गुजारा हुआ एक दिन इसके एक साल से बड़ा होता है क्युकी इसकी गुर्घन गति (Rotation) इसके परिक्रमण (Revolution) से ज्यादा होती है । इसका व्यास ,गणत्व और आयतन लगभग पृथ्वी जैसे ही होता है इसलिए इसको पृथ्वी की जुड़वाँ बहन भी कहते है ।शुक्र गृह के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)और सल्फर डाइऑक्साइड(SO₂) की मात्रा अधिक होती है और इसकी वजह से इस गृह पे ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट(Green House Effect) भी बहुत मात्रा में होता है जिसके वजह से इस गृह पर भी जीवन का होना असंभव है । इसमें मौजूद बादलों से इसका गृह का रंग कुछ कुछ नारंगी है ।
परिक्रमण(Revolution)=224.7 दिन
गुर्घन (Rotation)=243 दिन
व्यास (Diameter)=4849.6 Km
सूर्य से दूरी =108600000 Km
पृथ्वी (Earth)
अभी तक का एकलौता ऐसा गृह जहा पर जीवन है यानि की हमारी अपनी पृथ्वी ,यह हमारे सोर मंडल का तीसरा गृह है,इस गृह पे तापमान जीवन के लिए बिलकुल अनुकूल है, पृथ्वी का घनत्व बाकि सभी ग्रहो में से सबसे ज्यादा है,इसके घनत्व 5.514 g/cm³ है जो पानी के घनत्व से भी पांच गुना अधिक है ।
इसकी आयु अरब 4.6 वर्ष है, और यह पूर्णतयः गोल यही है वल्कि ध्रुवो पे थोड़ी चपटी है और भूमध्य पे थोड़ी बाहर निकली हुई है, ध्रुवो पे इसका व्यास 12714 Km है, परन्तु भूमध्य पे 12756 Km है, यानि की पृथ्वी का आकर एकदम संतरे की तरह है । इस गृह का औसतन तापमान लगभग 49°C है,अतयधिक तापमान लगभग 58°C है और निम्न तापमान - 89.6°C है।
परिक्रमण (Revolution)= 365 दिन, 5 घंटे, 42 मिनट्स
गुर्घन (Rotation)= 23 दिन, 56 मिनट्स, 40 सेकण्ड्स
व्यास (Diameter)= 12,756 Km
सूर्य से दूरी = 148800000 Km
गहनतम बिंदु (Deepest point) = - 397 m (Dead Sea)
उच्चतम बिंदु (Highest point) = 8848 Km (Mt.Everest)
पृथ्वी का द्रव्यमान (Mass of Earth) = 5.98 ✖ 10²⁴ Kg
पृथ्वी का सतह क्षेत्र (Surface area of Earth) = 510100000 Km²
चाँद (Moon)
पृथ्वी गृह का सिर्फ एक ही उपग्रह है जिसको हम चाँद बोलते है यह अपनी कक्षा में पृथ्वी के इर्द गिर्द घूमता रहता है ,इसके परिक्रमण और गुर्घन के एक समान होने की वजह से हम चाँद का सीर्फ एक ही चेहरा देख पाते है ,चाँद पे कोई भी किसी भी तरह का वातावरण नहीं है और यह सूर्ये की सिर्फ 7 % रोशनी को ही प्रतिबिंबित (Reflect) कर पाता है । चाँद पे गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के मुकाबले सिर्फ 1/6 है, इसका मतलब यह हुआ की अगर एक व्यक्ति का वजन पृथ्वी पे 60 Kg है तो चाँद पे उसी व्यक्ति का वजन 10 Kg होगा ।
परिक्रमण(Revolution)=27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट्स, 11.47 सेकण्ड्स
गुर्घन (Rotation)=243 दिन
व्यास (Diameter)=3475 Km
सूर्य से दूरी =150000000 Km
मंगल (Mars)
मंगल हमारे सोर मंडल का चौथा गृह है ,इसकी सतह का रंग लाल है जो को इसकी मिटटी में मौजूद आयरन ऑक्साइड की अधिक मात्रा की वजह से है , इसका वातावरण पृथ्वी के वातावरण से 100 गुना पतला है और इसमें मुख्य तोर पर कार्बन डाइऑक्साइड , नाइट्रोजन और आर्गन गैसे मौजूद है । इसकी सतह पे काफी बड़े बड़े गड्डे है और बहुत विशालकाय पर्वत श्रृंखलाएं है, कई मीलो गहरी घातिया है,और ऊंचे-ऊंचे पठार है,इसके ध्रुवो पे तापमान गर्मियों में - 18°C और सर्दियों - 85°C में रहता है। मंगल गृह के दो उपग्रह भी है जिसका नाम फोबोस और डीमोस है ।
परिक्रमण(Revolution)=687 दिन
गुर्घन (Rotation)=24 दिन 37 मिनट्स
व्यास (Diameter)=6779 Km
सूर्य से दूरी =207900000 Km
वृहस्पति (Jupiter)
यह पांचवा गृह है हमारे सोर मंडल का और बाकि सभी ग्रहो में सबसे बड़ा भी है यह इतना बड़ा है की इसका व्यास पृथ्वी के व्यास से ग्यारह गुना है और क्षेत्रफल (Area) 120 गुना है । वृहस्पति को मास्टर ऑफ़ गोड्स (Master of Gods)और लार्ड ऑफ़ हेवन(Lord of Heavens) भी कहते है। इस गृह की खास बात यह है की इसकी कोई भी ठोस सतह नहीं है और इसका तापमान काफी ठंडा (- 14°C) है ,तथा इसके वातावरण में हाइड्रोजन ,हीलियम ,अमोनिया और मीथेन भारी मात्रा में मिलती है । इस गृह के इस समय तक 79 चाँद खोजे जा चुके है जिसमे सबसे बड़ा गेनीमेड (Ganymede) है, यह चाँद बुध गृह से भी बड़ा है ।
परिक्रमण (Revolution)= 11 साल 10 महीने
गुर्घन (Rotation)= 10 घंटे
व्यास (Diameter)= 139820 Km
सूर्य से दूरी = 770100000 Km
शनि (Saturn)
शनि हमारे सोर मंडल का छठा गृह है और यह सब ग्रहो में से सबसे कम घनत्व रखता है ,अगर यह गृह पानी के समुन्दर में गिर जाये तो यह पानी में तैरेगा परन्तु यह काफी विशालकाय है, वृहस्पति के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा गृह है ,शनि गृह का तापमान - 178 °C है, सिर्फ इसी गृह के आस पास कई छल्ले होते है जो 12700 Km तक फैले हुए है और 20 m तक मोटे है ,यह छल्ले धूल मिटटी और बर्फ के बने है ।
परिक्रमण (Revolution)= 29.4 साल
गुर्घन (Rotation)= 10 घंटे, 33 मिनट्स
व्यास (Diameter)= 116460 Km
सूर्य से दूरी = 1424600000 Km
अरुण (Uranus)
सातवे स्थान पे जो गृह आता है उसका नाम है, इसको खोजने का श्रेय Sir William Herschel को जाता है इसके 27 चाँद है यहाँ एक तरह का मौसम 42 साल तक रहता है । इसके सतह पे तापमान -224°C तक चला जाता है ।
परिक्रमण (Revolution)= 84 साल
गुर्घन (Rotation)= 17 घंटे, 14 मिनट्स
व्यास (Diameter)= 50724 Km
सूर्य से दूरी = 2960000000 Km
वरुण (Neptune)
यह गृह आठमें स्थान पे विराजमान है ,यह गृह ही सूर्ये से सबसे ज्यादा दुरी पे स्थित है इसके वातावरण में सिर्फ हाइड्रोजन ,हीलियम और मीथेन है और इसका दूर से कुछ आसमानी नीला दिखाई देता है इस गृह के 14 चाँद अभी तक मिले है जिसमे सबसे बड़े का नाम Triton है
परिक्रमण (Revolution)= 165 साल
गुर्घन (Rotation)= 16 घंटे, 06 मिनट्स
व्यास (Diameter)= 49244 Km
सूर्य से दूरी = 4490000000 Km
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1 टिप्पणियाँ
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