Ghost particle kya hote hai ,Neutrino in hindi
Ghost particle  


घोस्ट पार्टिकल क्या होता है ?

आज हम इस पोस्ट में Ghost Particle के बारे में बात करेंगे की आखिर घोस्ट पार्टिकल क्या होते है और साथ में हम यह पता करेंगे कि आखिर Ghost Particle कहा-कहा होते है, और कैसे हमें प्रभावित कर सकते है । घोस्ट का नाम सुनते ही हम सबके मन में एक डर सा बैठ जाता हैं और अगर गोश्त दिख जाए तो हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं , क्या घोस्ट पार्टिकल सच में एक Particle यानि कोई कण है या फिर यह कोई जीव है या फिर कुछ और, तो आएये अब हम यह समझते है की आखिर यह घोस्ट कण वास्तव में होते क्या है । हमारे ब्रह्माण्ड की हर एक वास्तु परमाणु से बनी है जिसको हम Atom भी कहते है ,जी इतने सूक्ष्म होते है की इसको हम नहीं देख सकते ,सबसे पहले भारत के ऋषि कणाद ने इसके बारे में कहा था और फिर कई ग्रीस के वैज्ञानिको और दार्शनिको ने अपने लेखो में इसका जिक्र किया है । परमाणु भी अति सूक्ष्म कणों से मिलके बना होता है जैसे इलेक्ट्रान (Electron), प्रोटोन (Proton), और न्यूट्रॉन (Neutron) , इसी तरह अति सूक्ष्म कणों में से एक कण होता है जिसको हम घोस्ट कण कहते है ।
अगर आप परमाणु की संरचना के बारे में जानना चाहते है तो मुझे ओम्मेंट करके जरुर बताये में इसके बारे में किसी पोस्ट में जरूर लिखुगा ।

आखिर क्या है यह गोश्त पार्टिकल ?

विज्ञान की नज़र से देखा जाए तो यह गोश्त पार्टिकल असल में एक ऐसा पार्टिकल है जिसको हम न्युट्रीनो कहते हैं और इसका पता हाल के सालों में लगाया गया है ,सबसे पहले भौतिकी शास्त्री Wolfgang Ernst Pauli ने 1930 में इस कण के बारे में बताया था फिर 1933 में Enrico Fermi ने इस कण को न्यूट्रिनो नाम दिया इसके बारे में कई शोध हुए लेकिन अब तक भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि यह कण काफी दूर की आकाशगंगाओं से निकलकर काफी लंबा सफर तय करते हैं इसलिए यह उन आकाशगंगाओं की जानकारी भी अपने साथ लाकर हमें उनके बारे में बता सकते हैं इसलिए इस कण के बारे में शोध करना बहुत आवश्यक हो गया है ताकि हमें उन आकाशगंगाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो सके जो हमसे अरबों-खरबों प्रकाश वर्ष दूर है

यह कहां से आते हैं ?

सूर्य से ये कण सबसे ज्यादा संख्या में निकलते है क्योंकि सूर्य एक nuclear reacter का काम करता है, और बहुत लम्बा सफर तह करके काफी दूर तक तक चले जाते है । Radioactive Decay से भी यह कण प्रचुर मात्रा में निकलते है और हमारे आसपास अरबो खरबो की संख्या में घूमते रहते है, जैसे की कोई भी Potassium का Radioactive Decay जो की हमारा शरीर भी हो सकता है । यह प्राथमिक कण होते है मतलब की इनको और तोड़ा नही जा सकता

आखिर न्युट्रीनो को गोश्त पार्टिकल क्यों कहते हैं ?

यह न्युट्रीनो कण इतनी शुक्ष्म होते है की संसार की किसी भी चीज़ से बिना कोई प्रभाव डाले उस चीज़ से गुज़र जाते हैं आपको यह जान कर हैरानी होगी की हर पल यह कण लाखों करोड़ो की संख्या में पृथ्वी के आर पार हो जाते हैं, इनपे किसी भी तरंगो,ऊर्जा तथा लहरो का कोई भी प्रभाव नहीं होता इसलिए इनका पता लगाना बहुत ही मुश्किल है इन पर चुंबकीय क्षेत्र का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता और ना ही किसी विद्युत क्षेत्र का प्रभाव पड़ता है और इस तरह किसी भी तरह का प्रभाव ना डाले हुए यह कण किसी भी पदार्थ के आर पार चले जाते हैं इसलिए इन कणों को घोस्ट कण कहते है क्योंकि यह कण कही भी आ जा सकते है बिना किसी क्षेत्र के संपर्क में आए और तो और इनका द्रव्यमान बहुत बहुत कम होता है, एक शोध के मुताबिक न्युट्रीनो का द्रव्यमान (Electron) से 0.05 गुना कम है जिस वजह से इनका पता लगाना असंभव हो जाता है ।

इनका पता लगाने के लिए क्या क्या शोध किये गए ?

हाल ही में जर्मनी में एक Observatory स्थापित की गयी है जिसकी अंदर एक अति संवेदनशील स्पेक्ट्रोमीटर लगाया गया है और उसका नाम है KATRIN (Karlsruhe Tritium Neutrino) ,इसका वजन 200 टन है, यह बहुत सटीक काम करेगा ,इसके अंदर ट्रिटियम के अनु होंगे (ट्रिटियम हाइड्रोजन का एक रेडियोएक्टिव आइसोटोप है)। इसी शोध से हमे न्युट्रीनो के द्रव्यमान (Mass) का पता चल पायेगा और की क्या न्युट्रीनो का कोई एन्टी न्युट्रीनो कण भी होता है या नही और भी ऐसे रहसय खुल पाएंगे जिससे हमे बहुत दूर वाली अकाशगंगायो, ब्लैक होल इतियादी की जानकारियां भी मिल पाएंगी ।

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